Sunday 17 April 2016

कब सुधरेंगे हम?


केरल के पुत्तिंगल मंदिर में पिछले दिनों आग लगने से काफी नुकसान हुआ। करीब 120 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए। पटाखे जलाने से हुए इस हादसे से हमें सबक लेना चाहिए, आखिर हम अपनी मनमानी कब तक करेंगे? हम मंदिर मन की शांति, आत्मशुद्धि के लिए जाते और ईश्वर शांतिप्रिय होते हैं, शोरगुल से दूर एकांत मेें वास करते हैं, तो फिर पटाखे जलाने का यह कैसा रिवाज है? क्या इससे ईश्वर नाराज नहीं होते? ईश्वर का घर (मंदिर) के आसपास पटाखे जलाना वर्जित है, लेकिन नियम तोडऩा हमारी फितरत बन चुकी है। जब भी नियम तोड़ा जाएगा, ऐसा हादसा जरूर होगा। 

Friday 15 April 2016

 जंगल बुक और कलाकारों की आवाज

जंगलों में रहने वाले एक लड़के की कहानी पर आधारित जंगल बुक देखते वक्त जब शेर खान पहली बार पर्दे पर आता है और नाना पाटेकर की आवाज कानों में पड़ती है तब थोड़ी देर के लिए ही सही आप दहशत में आ जाते हैं। शेरखान के रूप में नाना की आवाज दमदार लगती है। जंगल बुक के हिंदी वर्जन में सभी कलाकारों की आवाजों ने फिल्म में जान डाल दी है। सूत्रों के अनुसार फिल्म की बॉक्स ऑफिस कमाई में मूल अंग्रेजी संस्करण से ज्यादा बड़ा योगदान डबिंग वर्जन का है।
शेरखान के अलावा पंजाबी बल्लू भालू की आवाज में इरफान खान को सुनकर उनकी कला के मुरीद हो जाएंगें। वहीं बघीरा की आवाज में गंभीरता लाने का काम ओम पुरी ने बखूबी निभाया हैं, वहीं चंद मिनटों के लिए का  (अजगर) की आवाज में प्रियंका चोपड़ा सम्मोहित कर देती हैं।
फिल्म में अच्छे खाने और जिंदगी से प्यार करने वाले बल्लू भालू सबसे ज्यादा पसंद आया, बल्लू को शहद बहुत पसंद है और वह मोगली के जुगाड़ से काफी शहद इकट्ठा भी कर लेता है। मोगली के किरदार में नील  सेठी की काफी मेहनत झलकती है।