Friday 15 May 2020

मदर्स डे पर विशेष :मां है तो सब कुछ है


सुजाता साहा 


आज मेरा फिर से मुस्कुराने का मन किया।

माँ की ऊँगली पकड़कर घूमने जाने का मन किया॥



उंगलियाँ पकड़कर माँ ने मेरी मुझे चलना सिखाया है।

खुद गीले में सोकर माँ ने मुझे सूखे बिस्तर पे सुलाया है॥



माँ की गोद में सोने को फिर से जी चाहता है।

हाथो से माँ के खाना खाने का जी चाहता है॥

लगाकर सीने से माँ ने मेरी मुझको दूध पिलाया है।



रोने और चिल्लाने पर बड़े प्यार से चुप कराया है॥

मेरी तकलीफ में मुझ से ज्यादा मेरी माँ ही रोयी है।



खिला-पिला के मुझको माँ मेरी, कभी भूखे पेट भी सोयी है॥



कभी खिलौनों से खिलाया है, कभी आँचल में छुपाया है।

गलतियाँ करने पर भी माँ ने मुझे हमेशा प्यार से समझाया है॥



माँ के चरणो में मुझको जन्नत नजर आती है।

लेकिन माँ मेरी मुझको हमेशा अपने सीने से लगाती है॥


मां को समर्पित कविता के साथ ये कहना चाहूंगी कि मदर्स डे बस एक जरिया है मां के लिए अपनी तरफ से कुछ कहने, करने के लिए। मदर्स डे की शुरुआत 1912 में अमेरिका से हुई थी। पूरी दुनिया में इसे मनाने की तारीख थोड़ी अलग है। मगर ज्यादातर देशों में मदर्स डे मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। इस साल मदर्स डे का सेलिब्रेशन 10 मई को मनाया जाएगा। कोरोना संक्रमण की वजह से शायद ये दिन फीकी-फीकी सी लगी। लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में भी आप मदर्स डे का पूरा आनंद ले सकते हैं। लॉकडाउन का फायदा उठाएं और सारा दिन अपनी मां के साथ बिताए, अपने हाथों से खाना बनाकर स्पेशल तरीके से सर्व करें और उनका खूब सारा आशीर्वाद पाएं।

ईश्वर ने एक औरत को ही ये शक्ति दी है कि वो संसार में एक नया जीवन दे। मां बनना स्त्री जीवन की सार्थकता है। मां सिर्फ मां ही नहीं होती बल्कि अपने बच्चों की सबसे अच्छी दोस्त भी होती है। मां एक बच्चे को जन्म देती है और जीवनभर के लिए दोनों के दिल के तार जुड़ जाते हैं। मां हर पल अपने बच्चे के साथ रहती है।  मां के ऊपर घर, परिवार, पति और बच्चों की जिम्मेदारी होती है जिसे वे पूरी ईमानदारी से चौबीसों घंटों पूरे वर्ष दिन-रात निभाती है। सबसे के लिए करते करते वो खुद अपने लिए समय नहीं निकाल पाती है। निस्वार्थ सेवा का नाम है माँ। मां जो हमें चलने से लेकर हमारी सारी जिम्मेदारी खुद उठाती है। ये कहना मुनासिब होगा ....

गमों की भीड़ में जिसने हमें हंसना सिखाया था

वह जिसके दम से तूफानों ने अपना सिर झुकाया था है वो मां

मां संसार में ईश्वर का दिया हुआ एक ऐसा अनमोल उपहार है जिसका कोई मोल नहीं। मां के प्रति एक भाव जो सहज ही आपको सोशल मीडिया के जमाने में अक्सर देखने को मिल जाता होगा, जरुरत है मां के प्रति स्नेह और समर्पण की। क्योंकि मां है तो सब कुछ है...।

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